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महाकाल में प्रवेश बंद, 12 बजे बाद 250 की रसीद रोकी, 1.50 लाख लोग उमड़े
उज्जैन | सोमवती अमावस्या के अवसर पर उज्जैन में पुण्य सलिला शिप्रा में देशभर से उमड़े एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने साेमवार को स्नान व दान-पुण्य किया। शिप्रा के रामघाट पर महाकाल की शाही सवारी का पूजन होने के कारण प्रशासन ने दोपहर 12 बजे तक ही लोगों को स्नान की अनुमति दी।
दोपहर बाद घाट खाली कराए गए और पूजन स्थाल वाले घाट को खाली कर बेरिकेडिंग की गई। हालांकि इसके आसपास रात से ही प्रशासन ने बेरिकेडिंग आदि सुरक्षा के इंतजाम कर लिए थे। रविवार रात 12 बजे बाद ही लोग अमावस्या का पुण्य लेने के लिए नदी किनारे स्नान के लिए पहुंचना शुरू हो गए थे। श्रीरामघाट क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष एवं तीर्थ पुरोहित पं. राजेश त्रिवेदी ने बताया सुबह सूर्योदय बाद 6 बजे से घाट पर पूजन व स्नान के लिए भीड़ बढ़ी। मुख्य रूप से सोमवती का स्नान शिप्रा के छोटे पुल के पास सोमकुंड में लोगों ने किया। यहां प्रशासन ने लोगों के स्नान हेतु फव्वारे लगाए थे। पास ही सोमेश्वर महादेव का पूजन भी श्रद्धालुओं ने किया। घाट पर लोगाें पितृशांति हेतु पंडितों से तर्पण, पिंडदान अादि भी कराया। भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा की दृष्टि से यह पहला मौका था जब प्रशासन ने भूखीमाता, नृसिंहघाट, वरुण घाट और मंगलनाथ घाट पर लोगों के स्नान पर प्रतिबंध लगाया था।
शिप्रा नदी स्थित रामघाट पर सोमवती अमावस्या पर हजारों लोगों ने स्नान किया। यहां बड़ी संख्या में ग्रामीणजन भी शामिल थे। दूसरे चित्र में सोमतीर्थ पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए फव्वारों की व्यवस्था भी की गई थी।
महाकाल मंदिर में सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रात 2 बजे पट खुलने के बाद भस्मारती हुई व तड़के 4 बजे बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। गर्भगृह में दिनभर प्रवेश बंद रखा गया। बाहर बेरिकेड्स से दर्शन कराए गए। फेसेलेटी सेंटर प्रवेश द्वार पर दर्शन की लंबी कतार लगी रही। सुबह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं राधे मां सहित कई वीआईपी दर्शन करने पहुंचे। अधिक भीड़ के चलते दोपहर 12 बजे के बाद समिति को 250 रुपए की वीआईपी दर्शन टिकट विक्रय रोकना पड़ा। समिति के मुताबिक दिनभर में एक से डेढ़ लाख लोगों ने दर्शन किए।